ग़ज़ल पत्रिका By Dr Varsha Singh
सूर्य हुआ फिर उदित प्रकृति हो गई मुदित हो कब कैसे क्या - क्या नहीं किसी को विदित . 🌞☀- डॉ. वर्षा सिंह
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